Business news – अपना भारत https://apnabharat.live Wed, 09 Apr 2025 02:57:27 +0000 en-US hourly 1 https://wordpress.org/?v=6.8.1 डोनाल्ड ट्रंप ने चीन के खिलाफ फूंका ट्रेड वॉर का बिगुल! अब वसूलेगा 104 फीसदी टैरिफ https://apnabharat.live/2025/04/09/donald-trump-will-now-collect-104-percent-tariff-of-bugle-of-trade-war-against-china/ https://apnabharat.live/2025/04/09/donald-trump-will-now-collect-104-percent-tariff-of-bugle-of-trade-war-against-china/#respond Wed, 09 Apr 2025 02:57:27 +0000 https://nationaltodaymedia.com/?p=143568 वॉशिंगटन: अमेरिका ने चीनी सामानों पर अतिरिक्त टैरिफ को प्रभावी करने का फैसला ले लिया है। वाइट हाउस ने ऐलान किया है कि चीनी इलेक्ट्रिक वाहनों पर 104 फीसदी टैरिफ लागू हो गया है और अतिरिक्त शुल्क मंगलवार आधी रात यानी 9 अप्रैल से शुरू हो जाएंगे। यह वॉशिंगटन और बीजिंग के बीच जारी ट्रेड वॉर में अब तक उठाए गए सबसे आक्रामक कदमों में से एक है। फॉक्स बिजनेस के अनुसार, वाइट हाउस प्रेस सचिव कैरोलिन लेविट ने कहा कि चीन ने अमेरिका पर अपने प्रतिशोधी टैरिफ को नहीं हटाया है। ऐसे में अमेरिका कल, 9 अप्रैल से चीनी आयात पर कुल 104% टैरिफ लगाना शुरू कर देगा।

अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने सोमवार को चीन पर 50 फीसदी टैरिफ लगाने की बात कही थी। ट्रंप ने चीन की ओर से अमेरिकी सामानों पर 34 प्रतिशत का जवाबी टैरिफ लगाने के बाद ये चेतावनी दी थी। ट्रंप ने कहा था कि अगर चीन 8 अप्रैल तक अपना 34 फीसदी टैरिफ वापस नहीं लेता है तो अमेरिका उस पर 50 प्रतिशत का अतिरिक्त टैरिफ लगाएगा। चीन ने ट्रंप की धमकी पर झुकने से इनकार कर दिया और अमेरिका से लड़ाई लड़ने की बात कही। इसके बाद वाइट हाउस ने चीन पर नए टैरिफ लागू करने का ऐलान कर दिया है।

चीन पर कैसे लगा 104% टैरिफ

डोनाल्ड ट्रंप की ओर से घोषित 50% के नए टैरिफ के बाद चीनी सामानों पर अमेरिका में शुल्क 104 फीसदी तक पहुंच गया है। दरअसल अमेरिका ने चीन पर 34% रिसिप्रोकल टैरिफ लगा रखा है, जो 2 अप्रैल को लागू हुआ है। इसके अलावा इस साल की शुरुआत में 20% अतिरिक्त टैरिफ भी अमेरिका ने चीनी सामान पर लगाया था। ऐसे में अब 50 फीसदी अतिरिक्त शुल्क लागू होते ही चीन पर प्रभावी टैरिफ दर 104% तक पहुंच गई है।

ट्रंप प्रशासन का कहना है कि यह नीति फेयर ट्रेड सुनिश्चित करने और अमेरिका के आर्थिक हितों की रक्षा के लिए हैं। डोनाल्ड ट्रंप का मानना है कि दुनियाभर के देशों ने व्यापार के मामले में अमेरिका के साथ बहुत बुरा व्यवहार किया है। ट्रंप खासतौर से चीन से अपनी व्यापार और टैरिफ की नीतियों को बदलने की बात कह रहे हैं। इससे अमेरिका और चीन के व्यापार संबंध लगातार खराब होते जा रहे हैं।

अमेरिका की टैरिफ नीति पर चीन ने कहा है कि डोनाल्ड टैरिफ लगाकर आर्थिक धौंस दिखा रहे हैं। चीन का कहना है कि अंतरराष्ट्रीय नियमों पर अमेरिका को प्राथमिकता देना एकपक्षवाद और आर्थिक धौंस दिखाने जैसा है। चीन का आरोप है कि अमेरिका की टैरिफ नीति ने वैश्विक उत्पादन और आपूर्ति श्रृंखला की स्थिरता को नुकसान पहुंचाया है। इसने दुनिया की आर्थिक स्थिति प्रभावित हो रही है। ऐसे में अमेरिका को तरह के कदम उठाने से रुकना चाहिए।

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8वां वेतन आयोग: DA-बेसिक सैलरी मर्जर होने पर कम हो सकता है फिटमेंट फैक्टर https://apnabharat.live/2025/04/07/the-8th-pay-commission-da-basic-salary-merger-can-reduce-fitment-factor/ https://apnabharat.live/2025/04/07/the-8th-pay-commission-da-basic-salary-merger-can-reduce-fitment-factor/#respond Mon, 07 Apr 2025 02:20:00 +0000 https://nationaltodaymedia.com/?p=143496 मोदी सरकार ने जनवरी 2024 में एक बड़ी घोषणा की कि 7वें वेतन आयोग का कार्यकाल दिसंबर 2025 में पूरा होने के बाद नया यानी 8वां वेतन आयोग गठित किया जाएगा. जैसे ही इस बात की पुष्टि हुई, पूरे देश के करोड़ों केंद्रीय कर्मचारियों और पेंशनर्स में एक सवाल उठ खड़ा हुआ कि इस बार सैलरी कितनी बढ़ेगी? अभी तक सरकार ने 8वें वेतन आयोग के चेयरमैन और अन्य सदस्यों के नाम का ऐलान नहीं किया है, लेकिन चर्चाएं जोरों पर हैं. इसके साथ ही चर्चा है कि फिटमेंट फैक्टर क्या होगा और यह भी कि क्या बेसिक पे में DA (महंगाई भत्ता) को मर्ज किया जाएगा या नहीं.

फिटमेंट फैक्टर लागू कैसे होता है?

अब बात करते हैं कि ये फिटमेंट फैक्टर होता क्या है. दरअसल, ये एक तरह का मल्टीप्लायर होता है, जिसके जरिए पुरानी बेसिक सैलरी को गुणा करके नई सैलरी तय की जाती है. ये फैक्टर DA यानी महंगाई भत्ते और मौजूदा आर्थिक हालातों को ध्यान में रखते हुए तय किया जाता है. इसका मकसद होता है कि सभी कर्मचारियों को एक समान और न्यायसंगत बढ़ोतरी मिले.

पिछले कुछ वेतन आयोगों की बात करें तो यही ट्रेंड देखने को मिला है कि सैलरी बढ़ाने से पहले महंगाई भत्ते यानी DA को बेसिक सैलरी में मर्ज कर लिया जाता है और उसके बाद उस कुल योग पर फिटमेंट फैक्टर लागू किया जाता है.

उदाहरण से समझिए

उदाहरण के लिए, जब 7वां वेतन आयोग 2016 में लागू हुआ था, उस समय कर्मचारियों को 125 फीसदी DA मिल रहा था. आयोग ने 2.57 का फिटमेंट फैक्टर सुझाया था. यानी अगर किसी कर्मचारी की बेसिक सैलरी 10,000 थी, तो 125 फीसदी DA यानी 12,500 जोड़कर कुल बनता है 22,500. इस पर 14.22 फीसदी की वास्तविक बढ़ोतरी जोड़कर नई सैलरी 25,700 तय की गई. यानि फिटमेंट फैक्टर = 25,700 / 10,000 = 2.57 हुआ.

पिछले वेतन आयोगों में भी ऐसा ही पैटर्न देखने को मिला. 5वें वेतन आयोग (1996) के समय DA करीब 74 फीसदी था और फिटमेंट फैक्टर 1.86 रखा गया. 6ठे वेतन आयोग (2006) में DA करीब 115 फीसदी था और फिटमेंट बेनिफिट 1.86x रखा गया, जिसमें ग्रेड पे का कॉन्सेप्ट भी शामिल किया गया. वहीं 7वें वेतन आयोग (2016) में DA 125 फीसदी था और फिटमेंट फैक्टर 2.57 तय किया गया.

फिटमेंट फैक्टर 3.0 रखा जाए

इससे यह साफ होता है कि हर बार वेतन आयोग DA को बेसिक पे में समाहित कर एक पूरा सैलरी बेस तैयार करता है और फिर उस पर एक प्रतिशत वृद्धि जोड़कर नई सैलरी तय की जाती है. इसी ट्रेंड को देखते हुए यह उम्मीद की जा रही है कि 8वां वेतन आयोग भी इसी फॉर्मूले पर आगे बढ़ेगा.

फिलहाल यह भी चर्चा में है कि जुलाई-दिसंबर 2025 के लिए DA में बहुत कम बढ़ोतरी हो सकती है, क्योंकि हालिया महंगाई दर में स्थिरता देखी गई है. ऐसे में कर्मचारी संगठन यह उम्मीद कर रहे हैं कि इस बार फिटमेंट फैक्टर को कम से कम 3.0 या उससे अधिक रखा जाए ताकि वास्तविक वेतन वृद्धि का लाभ मिल सके.

8वें वेतन आयोग से उम्मीद

कुल मिलाकर, 8वां वेतन आयोग करोड़ों कर्मचारियों के लिए बड़ी उम्मीद लेकर आ रहा है. अगर सरकार पिछली परंपराओं को दोहराती है और DA को बेसिक में मर्ज कर उचित फिटमेंट फैक्टर लागू करती है, तो यह वेतन में एक बड़ा और सकारात्मक बदलाव ला सकता है. अब देखना ये है कि सरकार कर्मचारियों की उम्मीदों पर कितना खरा उतरती है.

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